आलोक कुमार त्रिपाठी
लखनऊ । स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं की बकाये पर कम्प्यूटर से विद्युत विच्छेदन के बाद भी उनसे पुनः संयोजन व विद्युत विच्छेदन के लिये बिजली कम्पनियों द्वारा वसूले जा रहे रू0 600 के मामले में विगत 10 अक्टूबर को उपभोक्ता परिषद् द्वारा आयोग अध्यक्ष को सौपे गए प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह के निर्देश पर कार्यवाही शुरू हो गयी है आयोग के निर्देश पर आयोग सचिव द्वारा पावर कार्पोरेशन के प्रवन्ध निदेशक से उपभोक्ता परिषद् के प्रस्ताव पर 15 दिन के अंदर रिपोर्ट तलब की गयी है। सबसे बड़ा सवाल यह है की केस्को में आरसीडीसी नामक नामक यह फीस उपभोक्तओ से रुपया 720 वसूल की जा रही है ।गौरतलब है की उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा दवरा आयोग चेयरमैन के सामने यह प्रकरण उठाते हुए कहा गया था की जहाॅ पूरे प्रदेश में लाखों की संख्या में स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं और कुल 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया चालू है। वहीं दूसरी ओर बिजली कम्पनियाॅं स्मार्ट मीटर लगने के बाद यदि किसी उपभोक्ता ने बिजली बिल का भुगतान समय से नही किया तो उस दशा में बकाये पर जब उसका बिजली कनेक्शन साफ्टवेयर से आटोमेटिक कम्यूटर से काट दिया जाता है तो उसका कनेक्शन पुनः जोडने पर उससे पुनः संयोजन एवं विद्युत विच्छेदन ;आरसी डीसी का शुल्क वसूलना गलत है क्योंकि स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ता जब बकाया जमा करते हैं तो उनसे विच्छेदन हेतु रू0 300 एवं पुनः संयोजन हेतु रू0 300 कुल रू0 600 की फीस ली जाती है। और इसी प्रकार जब कोई उपभोक्ता मीटर तेज चलने की शिकायत पर अपने परिसर पर चेक मीटर लगवाता है तो उससे भी विच्छेदन एवं पुनः संयोजन करने हेतु रू0 600 की फीस बिजली कम्पनियों द्वारा वसूली जा रही है। स्मार्ट मीटर के अलावा जब पहले अन्य उपभोक्ताओं की बिजली बकाये पर काटी जाती थी तो विभाग के कार्मिक सीढी खींचकर ले जाकर उपभोक्ता की बिजली काटते थे और पुनः बकाया जमा करने पर इसी प्रक्रिया से जोडते थे इसलिये मैनपावर के मेहनताना के लिये टैरिफ आदेश में विद्युत विच्छेदन एवं पुनः संयोजन के लिये अलग अलग रू0 300 प्रति जाब कुल रू0 600 की फीस निर्धारित थी। ऐसे में अब जब स्मार्ट मीटर के केस में बकाये पर कम्प्यूटर द्वारा बिजली काट दी गयी तो ऐसे में कौन सी मैनपावर लग रही है और कैसा मेहनताना। इसलिये स्मार्ट मीटर के केस में विद्युत विच्छेदन एवं पुनः संयोजन की फीस समाप्त की जाये और जो उपभोक्ता मीटर तेज चलने व अन्य शिकायत पर अपने परिसर पर चेक मीटर लगवा रहे हैं ऐसे केस में भी उपभोक्ता से ली जाने वाली विच्छेदन एवं पुनः संयोजन फीस भी समाप्त की जाये।